हम आदिवासियों को दुनिया के सामने अपनी बात रखने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। 1969 के बाद से हमने 200 से अधिक जगहों पर उन्हे उनके हक की लड़ाई जीतने में मदद करी है, लेकिन हमारा काम अभी नहीं समाप्त हुआ है, जनजतियों के अस्तित्व की यह लड़ाई लंबी और थका देने वाली है और हमें आपकी मदद की आवश्यकता है।<br /><br />हमारी पृथ्वी पर किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में सबसे अधिक आदिवासी और मूल निवासी हैं। उन्हें संरक्षण परियोजनाओं, अर्क उद्योगों और थोपे गए 'विकास' की विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से अवैध रूप से उनकी ज़मीन और जंगलों पर कब्जा किया रहा है एवं उन्हे उनके घर से बेदख़ल किया जा रहा है। आधुनिक शिक्षा के नाम पर उनके बच्चों को सिखाया जा रहा है कि उनके जीवन जीने के तरीके ’पिछड़े’ या ‘गलत ’हैं और उन्हें ‘मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए’। वर्तमान सरकार उनकी जमीन, जीवन और आजीविका के लिए उनके अधिकारों को छीनने की लगातार कोशिश कर रही है।<br />आदिवासियों का भौतिक और आध्यात्मिक जीवन का केंद्र उनके जंगल के साथ समब्न्ध पर निर्भर है। परंतु आज आदिवासी लोगों को उनके जंगलों से बेदख़ल किया जा रहा है , या उनके समुदायों से बच्चों को आधुनिक शिक्षा के नाम पर समुदाय से दूर किया जा रहा है, और धीरे-धीरे जंगल के साथ उनके संबंध को समाप्त किया जा रहा है। इसकी वजह से आदिवासी समुदाय के पर्यावरण एवं उसके संरक्षण के असाधारण ज्ञान का क्षय हो रहा है। हजारों वर्षों से जंगल से जुड़ाव के कारण आदिवासी समुदाय के पास अपने आस-पास के वातावरण, उसके संरक्षण का जो ज्ञान एवं समझ है, उन्हे सर्वश्रेष्ठ संरक्षणवादी बनाते हैं। उनका यह ज्ञान ऋतु परिवर्तन एवं वैश्विक गर्मी जैसी पर्यावरणीय समस्याओं से लड़ने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
Survival International
हम आदिवासी लोगों के लिए वैश्विक आंदोलन हैं: मूल निवासियों के लिए, प्रकृति के लिए, पूरी मानवता के लिए।
हम दुनिया भर में आदिवासी लोगों के अस्तित्व के लिए लड़ते हैं। हम दुनिया भर में आदिवासियों की ज़मीन, जीवन और आजीविका को नष्ट करने से पेड़ काटने वाली , खनीज़ और तेल कंपनियों को रोकने में मदद करते हैं। हम स्वदेशी ज़मीन के अधिकारों को मान्यता देने के लिए सरकारों से पैरवी करते हैं। हम संरक्षण के नाम पर आदिवासी लोगों के साथ होने वाले अत्याचारों का दस्तावेजीकरण करते हैं और उन्हें रोकने के लिए प्रत्यक्ष कार्रवाई करते हैं।